How to use Giloy : गिलोय का उपयोग कैसे करें

* गिलोय (अमृत) -(How to use Giloy)गिलोय का उपयोग कैसे करें आमतौर पर देखा जाए तो गिलोय जंगल में पाई जाती हैं। बड़े ऊंचे हरे पेड़ पर पाई जाती है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण  होती है। अगर  हमे  चाहिए तो हरे नीम के पेड़ की । नीम की पेड़ की गिलोय का अधिक महत्व बताया गया है बताया जाता है कि नीम के पेड़ की गिलोय जो होती है अधिक शुद्ध होती हैं।  काफी असरदार और कारगर होती है। गिलोय के तने  और पत्ते भी उपयोग में आते हैं गिलोय को तोड़ते समय पूरा उखड़े नहीं जितना रहे उतना ही उपयोग करें क्योंकि बहुत महत्वपूर्ण होती है।

गिलोय को पानी में पीसकर ठंडाई जैसी बना लेनी चाहिए यह उसे पंसारी चुकाकर भी टुकड़ों में भेजता है गिलोय का शक्ति निकलते हैं पर अधिक अच्छा यह है कि उसे गली स्थिति में ही लिया जाए चटनी या ठंडाई के रूप में भी प्रयुक्त किया जाए इसे एक बार या आवश्यकता अनुसार पता शायद दो बार भी लिया जा सकता है।

गिलोय को रामबाण स्टार की संजीवनी बूटी माना गया है इसके गुण पर रहते हैं तुलसी से ही मिलते-जुलते हैं यह भी माना गया है की गिलोय अगर हम नित्य ले तो हमें किसी भी प्रकार की बीमारी छू भी नहीं सकती इस प्रकार गुणों का महत्व बताया गया है।

*आईए जानते हैं गिलोय के उपयोग और लाभ

1) रक्तचाप ,हृदय ,रोग एवं माध्यमों के लिए और साधारण सिद्ध होते हैं।

2) गिलोय को बल वर्धन भी माना गया है अगर हम ताजी गिलोय को घर ले आए साफ करके उसको कूट के पानी में भिगोए और सुबह नित्य उठकर पिए बलवर्धक सिद्ध होती है।

3) वह प्रेमह स्वप्नदोष वह नपुंसकता आदि में भी अपना प्रभाव प्रस्तुत करती है यह हानि रहित औषधि हैं।

4) गिलोय घी के साथ  वात को खत्म करता हैं। शक्कर के साथ पित्त को खत्म करता हैं। शहर के साथ कफ खत्म करता है एवं शोठ  के साथ आमवत को दूर करता हैं।

5) इसका   ज्वर  शामक गुण किसी भी एंटीबायोटिक से कई गुना बढ़कर हैं।

6) क्षय रोग में ढाई तोला गिलोय का रस छोटी पिपली के एक ग्राम चूर्ण के साथ प्रातः काल पीला  पिलाया जाता है तो यह रोक आसानी से ठीक हो सकता है।

7) सिर्फ विष मे  इसकी जड़ का रस या   कड़ा कटे हुए स्थान पर लगाया जाता है आंखों में डाला जाता है एवं आधे आधे घंटे में पिलाया जाता हैं।

8) गिलोय एक मेधा वर्धक औषधि है मस्तिष्क विकारों में बड़ी उपयोगी है एवं एक रसायन हैं।

9) हाथ पैर घुटने और जोड़ों में दर्द हो तो गली  गिलोय का उपयोग करें रात में 3 से 4 टुकड़े कूद कर भिगोकर रखें और सुबह इसे छान कर पी ले कुछ दिनों में तुरंत आराम मिलेगा

10) अगर चिकनगुनिया की बीमारी हो तो ताजी किलो तोड़ कर ले और सुबह 4 से 5 टुकड़े आधा गिलास पानी में गर्म करके इसका काढ़ा बनाएं और रोजाना सेवन करें जड़ से खत्म हो जाएंगे

गिलोय एक रामबाण इलाज है हम लोग उसके बारे में अपरिचित है या फिर हम लोग उसका उपयोग करना नहीं जानते गांव खेत खलियानों में यह अधिकतम पाई जाती है अगर हम इसका सही उपयोग करें तो जोड़ों का दर्द घुटनों का दर्द नापूछसकता शरीर में ढीलापन शरीर में तनाव आदि बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है हमें नित्य साइन कल में दो से तीन गिलोय के टुकड़ों को काटकर भिगोकर रखना है और प्रातः सुबह-सुबह उसको छान कर पी लेना है।

 सत्व निकालने की विधि:-

गिलोय के तने से ऊपरी पतली  छाल निकल कर एक से दो इंच लंबे टुकड़े कर इनको डंडे से कूटकर  10  गुने जल में भिगो दे। इनको मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रखा जाता है 12 घंटे तक  भिगोने  से गिलोय के टुकड़े फुलकर मुलायम हो जाते हैं तब इनको हाथ से अच्छी तरह मसल कर बाहर निकाल कर फेंक दे गिलोय का स्टार्च पानी में घुल जाता है इसे शेष बचे पानी को मोटे कपड़े से छान ले तीन से चार घंटे तक पढ़ा  रहने दे। बर्तन के पेंदे में गिलोय स्टार्च जम  जाएगा। इसके ऊपर का पानी निथार् कर फेक  दे। बर्तन के पेंदे में श्वेत वर्णों का जमा सत्व धूप में सुखाले। यह सत्तू भी बाजार में औषधि के रूप में अच्छे मूल्य पर बिकता है। गिलोय की बिक्री से होने वाली आय के अतिरिक्त सहारा वृक्ष से भी आमदनी होती है गिलोय की छांव में छाया पसंद औषधि पौधों की भी खेती की जा सकती है इस प्रकार गिलोय  का उपयोग करके हम गिलोय के सत्व  को बेच भी सकते हैं और औषधि के रूप में इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

आवश्यक सूचना

पास से किसी चिकित्सक या परामर्श की सलाह अवश्य ले।