कस्तूरी भिंडी (जंगली भिंडी) किस काम में आती है।
कस्तूरी भिंडी (जंगली भिंडी) किस काम में आती है।
साधारण परिचय :- कस्तूरी भिंडि लता कस्तूरी के नाम से औषधि जगत में तथा सुगंधित होने के कारण इत्र जगत में बहुत ही प्रचलित है औषधि जगत में इसके बीच मास्कदान के नाम से जाने जाते हैं पौष्टिक पदार्थों में टॉनिक के रूप में जाना जाता है यह पौधा झाड़ी नुमा आमतौर पर मिश्रित वनस्पतियों के साथ छत्तीसगढ़ी के विस्तार रायपुर बिलासपुर तथा रायगढ़ के वनों में प्रकृति रूप से पाया जाता हैं। इसके पत्ते अनियमित दत्त युक्त, रोम युक्त वृंत के तलस्थ भाग में उपपात्र होते हैं। इसके पुष्प पीले रंग के पंखुड़ियां के बीच में हल्का बैंगनी रंग अत्यंत आकर्षित लगता हैं। इसके फल दो से तीन इंच लंबी किंतु दिखने में भिंडी जैसे होते हैं।
कस्तूरी भिंडी के फायदे :-
1. त्वचा पर निशान या घाव :- जन्तुदांश से त्वचा पर निशान घाव बन जाते हैं प्रभावित त्वचा पर कई बार सूजन भी आ जाती हैं। कीड़ों का काटना अधिकतम हानिकारक नहीं होता है यह खुद ही कुछ समय में ठीक हो जाता हैं। लेकिन इसके दौरान दर्द चुभन और जलन बहुत होती है ऐसे में कस्तूरी भिंडी की छाल का लेप लगाने से दर्द कम होता है और काटने के घाव ठीक हो जाते हैं इतना ही नहीं कस्तूरी भिंडी से सांप के काटने पर भी लाभदायक होता हैं। इसका असर साप के जहर को भी कम कर देता हैं। यह पौधा अदभूत हैं। इसके एंटीसेप्टिक एंटीऑक्सीडेट्स एंटीबैक्टीरियल आदि गुणो के हमारे स्वास्थ्य पर चमत्कार फायदे होते हैं।
2 कैंसर रोगों में लाभदायक :- कस्तूरी भिंडी पेट के कैंसर को बचाने में और ठीक करने में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है कस्तूरी भिंडी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है या पेट पर बना रही कैंसर सेल्स से लड़ने में और रोकने में मददगार होती है
3) पेशाब में जलन :-
पेशाब में जलन एक दर्दनाक समस्या होती हैं। पेशाब करते समय जलन और दर्द से बेहद बेहाल हो जाते हैं। यह कई वजह से होता है जैसे की पथरी मूत्र मार्ग से सूजन मूत्र मार्ग से संक्रमण योनि सोधक आदि इस समस्या के लिए आप मस्कंदना का सेवन कर सकते हैं। कस्तूरी भिंडी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो की बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते हैं। साथ ही सूजन रोधक गुण मूत्र मार्ग की सूजन काम करना,संक्रामक की छुट्टी कर देती हैं। कस्तूरी भिंडी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है सेहत के फायदे के लिए प्रसिद्ध भिंडी का सेवन आवश्यक करना चाहिए
4) कब्ज :-
मुस्कदाना कब्ज की समस्या को ठीक करने में बहुत फायदेमंद मानी जात मुस्कदाना में फाइबर कंटेंट ज्यादा होते हैं। और मल त्याग को आसान और पीड़ा रहित कर देती हैं। कब्ज एक बहुत आम और परेशान कर देने वाली समस्या है जिससे हर दूसरा इंसान जूझ रहा हैं। कब्ज अक्सर खाना ठीक से ना खाने के कारण होता हैं। इसमें मल त्याग के दौरान जलन दर्द और दबाव महसूस होता है मल भी बहुत कम सुखा और पतला होता हैं। इसके उपचार के लिए हमेशा फाइबर की मात्रा अपने आहार में अधिक कर लेनी चाहिए फाइबर मल को सॉफ्ट कर देता हैं। और मल के घाव भर देता हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए मुस्कन्नाव को अपनी डाइट में शामिल करना बेहतर माना जाता है
5) बवासीर :- कस्तूरी भिंडी बवासीर की बीमारी में लाभदायक होती है कस्तूरी भिंडी की जड़ को सुखा कर और उसको जलाकर उसकी भष्म बना लो भस्म बनाने के बाद उसको नारियल के तेल में मिक्स करके बवासीर की जगह पर लगाओ कुछ दिन मे ठीक जायेगी
6) शक्ति वर्धक :- कस्तूरी भिंडी के सत्व को अगर आप रोजाना दूध के साथ लेकर इसका प्रयोग करेंगे तो यह आपकी शारीरिक शक्ति को बढ़ाने का काम करता हैं। एक बल् वर्धन कार्य करता हैं। शरीर की ऊर्जा बढ़ाने का कार्य करता हैं। शरीर में एनर्जी और फुर्ती लाने का कार्य करता हैं।
7) स्वप्नदोष और वीर्य में व्रद्धि :- कस्तूरी भिंडी के उपयोग से हम स्वप्नदोष और वीर्य में वृद्धि कर सकते हैं। यह कई सारी बीमारियों को दूर करती है इसके साथ-साथ स्वप्नदोष में भी इसका काफी फायदेमंद उपयोग किया जाता है इसका उपयोग हम उसके फल को धूप में सुखाकर उसको पीसकर दूध के साथ लेने से यह समस्याओं से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।