हडजोड़ अथवा अस्थि श्रृंखला के फायदे hadjod athava asthi shrinkhala ke fayde

हडजोड़ का साधारण परिचय  :-  लता जाति कि यह वनोंषधि प्राय: उष्ण  प्रदेशों में अधिक होती हैं। यह लता अन्य लताओं की तरह वर्षों के साथ ना लिपटकर केवल  वृक्ष का सहारा लेकर चढ़ती है तथा लटकती रहती है इसका  कड़ी हरा मांसल बीच-बीच में संधिया युक्त तथा चोपहल होता हैं।  संधियों पर सूत्र होते हैं तथा सूत्रों में विपरीत संधियों पर  पत्ते निकलते  हैं  इसके पत्ते चौड़े हृदय कार दंतुर  तथा मांसल होते हैं। श्वेत हरित वर्णित पुष्प फल गोल भारी पकाने पर लाल रंग के हो जाते हैं इसके पत्ते तथा कांड रस युक्त होता है इसके ताजा पौधे मे कैरोटीन ताजा स्वरस में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसके पत्तों तथा कांड का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता हैं।

विभिन्न भाषाओं में नाम :-  गुजराती -हाड सांकल ,मराठी – कांडबेल ,बंगाली -हाडभागा, कन्नड़  – मंगवल्ली,  तेलुगू – नेल्लेरू, तमिल – पेरंडै

                                                                                               हडजोड़ अथवा अस्थि श्रृंखला के फायदे

औषधी उपयोग :- 


टूटी हुई हड्डियों को जोड़ना :-  प्रायः इसके ताजे  कांड एवं पत्तों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।  इसको काटकर इसका लेप टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए किया जाता है यह प्रत्येक प्रभावशाली होता है। इसके पत्तों तथा कांड से सिद्ध किया हुआतेल भी टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्रभावी पाया  गया है। इस तेल की मालिश करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

पेट के विकारों को दूर :- 

हाथ जोड़ के इस्तेमाल से पेट से जुड़े विकारों को दूर कर किया जाता है अक्सर हम में से कई लोग को मसालेदार खाना खाने की आदत होती है और समय खाना खाने से पेट में गैस और अपहचन जैसी अनेक समस्या होने लगती हैं। इन समस्याओं को ठीक करने के लिए आप हाथ जोड़ की मदद ले सकते हैं। घरेलू उपचार कर सकते हैं इसके लिए हाथ जोड़ के पत्तों से करीब 5 से 10 मिली रस निकाल लीजिए अब इस वर्ष में थोड़ा सा शहद मिक्स करके पी जाइए इससे पाचन क्रिया ठीक होती है साथ-साथ पेट से जुड़ी आने की समस्याओं को आराम मिलता हैं।

पित्त दोष के संतुलन के कारण पेट खराब हो सकता है जिससे पाचन कमजोर या खराब हो जाता है और हड़जोड़ अग्रि को बढ़ाता है और पाचन में सुधार करता है जिससे इसके  उष्णा   पाचन गुना के कारण पेट की खराबी  के लक्षण काम हो जाते हैं।

घाव मे असरदार :- हडजोड़ घाव को सुखाने में असरदार हो  सकता है अगर आपको किसी कीट के काटने पर घाव हो जाता है तो उसे स्थान पर हडजोड़ का रस लागिये इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता हैं।

गठिया के दर्द में आराम :- बढ़ती उम्र के कारण कई लोगों को गठिया की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।  लेकिन आपको बता दे की गाड़ियों की परेशानियों से राहत मिलती है

उपयोग –  हडजोड़ का एक भाग  छिल्का रहित तना ले अब इसमें उड़द  की दाल  के साथ पिस ले  और तिल के तेल में मिला ले और इसकी वाटिका बना ले इस वाटिका का सेवन करने से वात रोग से लाभ मिलता हैं। लगभग 15 दिन तक इसका सेवन करने से   गठिया की समस्या से आराम मिल सकता  हैं।

गठिया जिसमें  आयुर्वेद में वात रक्त के नाम से जाना जाता हैं। एक विकार है जिसमें व्यक्ति  के  जोड़ों में लालिमा सूजन और सबसे महत्वपूर्ण दर्द का अनुभव होता है यह सभी लक्षण वाद दोष के असंतुलन के कारण होते हैं जो रक्त धातु को और अधिक असंतुलित कर देता है हडजोड़ घटिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और अपने बात संतुलन और उष्णा  (गर्म)  गुना के कारण प्रभावित दर्द वाले क्षेत्र को गर्मी प्रदान करता हैं।

हडजोड़ अपने एंटीऑक्सीडेट और सूजन रोधी गुना के कारण रूमेंटीइड गठिया के लक्षणों को  प्रतिबंधित करने में मदद कर सकता है हडजोड़ में मौजूद कुछ घटक एक सुजान करी प्रोटीन की गतिविधि को रोकते हैं इसमें गठिया से जुड़े जोड़ों के दर्द और सूजन में कमी आती हैं।

रूमेटॉइड  अर्थराइटिस जिसे आयुर्वेद में अमावस के नाम से जाना जाता हैं। एक ऐसी बीमारी है जिसमें वत दोष बिगड़ जाता है और जोड़ों में अमा जमा हो जाता हैं। आमवात कमजोर पाचन अग्रि से शुरू होता है जिसमें अमा का संचय होता हैं। (अनुचित पाचन के कारण शरीर में विषाक्त अवशेष रहता है ) वात के माध्यम से अमा को विभिन्न स्थानों पर ले जाया जाता हैं।  लेकिन अब उसे अवशोषित होने के बजाय यह जोड़ों में जमा हो जाता हैं। और रूमेटाॅइड  गठिया को जन्म देता हैं। हडजोड़ पाचन में सुधार करने में मदद करता है जो अपने वात संतुलन और पचन गुणों के कारण आम के गठन को रोकता हैं।  जिसमें रूमेंटोइड गठिया के लक्षण काम हो जाते हैं।

ब्लडिंग को कम करें  :- अगर आपके शरीर में कटने या फिर छीलने की वजह से काफी ज्यादा ब्लडिंग हो रही हो तो इस स्थिति में हडजोड़  आपके लिए गुणकारी हो सकता हैं। इसके लिए हडजोड़ के तनो या जड़ से रस निकाल ले अब इस रस को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं  इससे रक्त स्राव की शिकायत दूर

हडजोड़ के  नुकसान :-  हाथ जोड़ स्वास्थ्य के लिए गुणकारी हो सकता है यह विषैली जड़ी बूटी नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से जरूरी सलाह ले गर्भ अवस्था स्तनपान हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज से लोगों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।  खाली पेट इसका सेवन करने से बचे । इसके कारण आपको  उल्टी मतली की शिकायत हो सकती है। अधिक मात्रा में हडजोड़ का सेवन करने से  बचे और बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन करने से आपको कई समस्या हो सकती है जैसे

पित्त को बढ़ावा देने वाली समस्याएं ,एसिडिटी, दिल की धड़कन तेज ,होना पेट में सूजन हाथ पैर में जलन अल्सर और छाले हो है तो भी इसका सेवन न करें

हडजोड़ की खेती :- प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले या उद्यानों में वृक्ष के सहारे लटकते या लता रूपी वनस्पति औषधि के रूप में अधिक उपयोगी होने के कारण इसकी खेती भी लाभकारी साबित हो सकती है इसकी खेती की विधि आसान है खेती के लिए हडजोड़ के पुराने कांड में से कलम काटकर खेत में या नए स्थान पर उद्यानों में वाटिकाओं के सहारे पेड़ के सहारे के लिए वृक्ष के पास रुपए कर देनी चाहिए  इसकी बढ़ाने की गति तेज होती है तथा थोड़े ही समय में बड़ा स्वरूप धारण कर लेती है इसकी खेती मुडेरो पर भी लगाई जा सकती है।