सफेद मुसली क्या काम आती है safed musli kya kaam aati hai

सफेद मूसली की विभिन्न प्रजातियां : – क्लोरोफायटम  बोरिविलिएनम ,क्लोरोफायटम ट्यूबरोजम, क्लोरोफायटम अरुणडीनेशियम , क्लोरोफायटम  एटेनुएटम  आदि ।

साधारण परिचय  :-  यह एक कंद युक्त वन औषधि है ,जिसकी अधिकतम ऊंचाई डेढ़ फीट तक होती है इसके कंद भूमि में अधिकतम 10 इंच नीचे जाते हैं। जड़े रसदार होती है, इन्हें फिंगर्स भी कहते हैं। प्राकृतिक रूप से भारत के जंगलों में पाए जाने वाली सफेद मूसली की जाती क्लोरोफायटम  बोरीविलिएनम, क्लोरोफायटम ट्यूबरोजम हैं। यह पौधा जंगल में वर्षा ऋतु के समय अपने आप उगता हैं।

जंगल में पाए जाने वाली इन दोनों प्रजातियों मे मुख्य अंतर यह है कि ट्यूबरोजम में क्राउन के साथ एक धागा जैसा लगा होता है तथा इसके साथ-साथ उनकी मोटाई बढ़ती है, जबकि क्लोरोफायटम बोरीवलीएनम  में रसदार जोड़ों की मोटाई ऊपर से अधिक या मोटाई एक जैसी होती है खेती के लिए बोरीविलीएनम  प्रजाति अधिक उपयुक्त मानी गई है। सफेद मूसली मानव जाति के लिए प्राकृतिक का एक अनोखा उपहार है। यह एक दिव्या जड़ी बूटी है भारत के जंगलों में पाए जाने वाली इस जड़ी बूटी का दोहन अंधाधुन होने के कारण यह विलुप्त होने की कदर पर हैं।

विभिन्न भाषाओं में नाम :- गुजराती – धोलि मुसलि, उत्तर प्रदेश- खैरुबा , मराठी- सुफेता मुसली, मलयालम – रादेवेली , तमिल-  तामीर वितांग । सफेद मूसली के फायदे  :-

  स्वप्नदोष : – आजकल  जवानों को सपना दोष की शिकायत होती है इसके साथ-साथ काम कीड़ा कर रहे ऐसे सपने गिरते हैं। इससे लौकिक उत्तेजना मिलकर दिन में शुक्रस्खलंन हो जाता है जिसे स्वप्नदोष कहते हैं इस स्थिति में सफेद मूसली आती फायदेमंद होती हैं।

कामवासना कम होना : – एक संरक्षण से पता लगा है कि भारतीय पुरुषों में उम्र के 45 के बाद कामवासना काम हो जाती है इसे आप मेल क्लायमेट्रिक बोल सकते हैं। जैसे स्त्रियों में  मेनापहुंच होती है इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है कामवासना नष्ट हो जाना, मन एकाग्र नहीं होना शरीर और मन की थकान महसूस होना स्मरणशक्ति न्यूनता मनोदेनीय छाती में दर्द अनाकलनिय स्नायवीय  वेदना इसमें सफेद मूसली जादू जैसा असर दिखाती है सेवन के कुछ ही हफ्ते से इसके परिणाम शुरू होते हैं वह एक साल सफेद मूसली लेने से अधिकतम लाभ मिलने लगता है और सारी समस्याओं का निवारण हो जाता है। शुक्राणु पानी से पतले होना :-  कुछ पुरुषों में शुक्र पानी जैसा पतला होने के कारण समस्या होती हैं। तो कुछ पुरुष में लिंग की प्रह्रर्षितावस्था अल्पकाल होती है ,कुछ मधुमेही  में तो बिल्कुल ही नहीं होते हैं,इन सभी प्रश्न के लिए आप सफेद मूसली एक बहुमूल्य उत्तर है कई जेष्ट् नागरिक में क्रॉनिक फाटीगसिन्ड्रोम की शिकायत होती हैं। सफेद मुसलि इसमें आती फायदेमंद होती हैं।

युवती  में स्तनों का आकार :-   आजकल कहीं  युवती में स्थानों के आकार बहुत ही छोटा दिखता है, या ना के बराबर होता हैं। यह बहुत ही जटिल समस्या हैं। उसे उसे युति के मन में उदासी होती है आपको किसी प्रकार के डरने की कोई बात नहीं अगर आप सफेद मूसली 6 से 12 महीने के अंदर तक उसका उपयोग करते रहते हैं तो स्थानों का आकार सुडौल बनने में प्रयुक्त होता हैं।

सेक्स पावर बढ़ाने में उपयोग :- आप किसी भी सफेद मूसली के फायदे के बारे में बात करें तो वह आपको यही बताएंगे कि सफेद मूसली यौन शक्ति बढ़ती हैं। वह कुछ लोग तो उसके इस्तेमाल से हर्बल वियाग्रा के तौर पर करते हैं। सफेद मूसली पाउडर में ऐसे गुण होते हैं जो कामोत्तेजना बढ़ाने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रभावित वाले सेक्स हारमोंस का स्तर बढ़ा सकते हैं इसलिए सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का उपयोग करना सही हैं। सेवन की विधि :-  एवं शक्ति बढ़ाने के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार खाना खाने के बाद ले सकते हैं।

शीघ्रपतन रोकने में उपयोग :- खराब जीवन शैली और खान-पान की वजह से अधिकांश लोग शीघ्रपतन की समस्या से ग्रसित रहते हैं कई लोग संकोच के  कारण डॉक्टर के पास भी नहीं जाते और इंटरनेट पर शीघ्रपतन रोकने का उपयोग खोजते रहते हैं। एसे लोगों के लिए सफेद मुसलि एक कारगर औषधि के रूप में साबित होती हैं। इसे आप शीघ्रपतन की दवा के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेवन की विधि :-  आधा चम्मच सफेद मूसली पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ दिन में दो बार खाने के बाद ले। नपुंसकता से बचाव :- शोध के अनुसार सफेद मूसली वीर्य का उत्पादन बढ़ाती है और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाती है ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से नपुंसकता के खतरे को काफी हद तक काम किया जा सकता हैं। कोच के बीच के साथ सफेद मूसली का सेवन नपुंसकता के इलाज में काफी उपयोगी हैं। सेवन की विधि :-  नपुंसकता  दूर करने के लिए एक से डेढ़ चम्मच मुसलि शुद्ध गाय के दूध के साथ दिन में दो बार ले। शारीरिक शक्ति :-  सेक्स क्षमता बढ़ाने के अलावा शरीर की ताकत बढ़ाना सफेद मूसली के प्रमुख फायदे में शामिल है यही वजह है कि आज के समय में अधिकांश जिम जाने वाली लड़के बॉडीबिल्डिंग के लिए सफेद मूसली को सप्लीमेंट की तरह इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी शारीरिक रूप से कमजोर है या थोड़ी सी मेहनत करने के बाद तक जाते हैं तो सफेद मूसली आपके लिए बहुत फायदेमंद हैं।

सेवन विधि :- सफेद मूसली के एक-एक कैप्सूल का सेवन सुबह और शाम को दूध या पानी के साथ सेवन करे ।

कैंसर से बचाव :-  कई विशेषज्ञ का दावा है की सफेद मूसली के सेवन से कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकती है क्षमता को प्रभावित तरीके से मजबूत करती है जिससे कैंसर कोशिकाओं के बड़ने का खतरा कम होता हैं और कैंसर से बचाव होता हैं।

सेवन विधि :- कैंसर से बचाव के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को दूध से पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें।

सफेद मूसली के नुकसान और सावधानियां यह सच है कि सफेद मूसली के फायदे बहुत ज्यादा है लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में या गलत तरीके से इसका सेवन कर रहे हैं तो आपको सफेद मूसली के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। हालांकि सफेद मुसलि के नुकसान से संबंधित ज्यादा वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं। फिर भी कोई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ इससे जुड़े नुक्सानो के बारे मे बताते हैं। आईए जानते हैं।

1. भुख में कमी  :- अगर आप जरूर से ज्यादा मात्रा में सफेद मूसली का सेवन कर रहे हैं तो यह आपकी बुक को कम कर सकती है इसलिए डॉक्टर द्वारा बताएं खुराक के अनुसार ही सेवन करें और इसके सेवन के दौरान भूख में कमी महसूस हो तो आयुर्वेदिक चिकित्सा के साल ले ।

2. कप में बढ़ोतरी :- सफेद मूसली की तासीर ठंडी होती हैं। और यह शरीर में कब को बढ़ाती है इसलिए अगर आप कफ से जुड़ी  समस्याओं से पहले से ही पीड़ित है तो सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें या चिकित्सक की देखरेख में ही सफेद  मुसलि का सेवन करें

3. गर्भावस्था एवं स्तनपान :- इस बात के पर्याप्त प्रमाण  मौजूद नहीं है कि सफेद मूसली का गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सेवन सुरक्षित है या नहीं इसलिए इस दौरान सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें अगर आप इसका सेवन करना चाहती है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ सलाह के अनुसार करें

4. पाचन तंत्र पर प्रभावित :- अगर आपकी पाचन क्षमता  कमजोर है तो सफेद मूसली की कम मात्रा का सेवन करें क्योंकि यह देरी से पचती है जिसकी वजह से आपको पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप दिन में एक बार सिर्फ आधा चम्मच सफेद मूसली चूर्ण का सेवन ही करें अगर आप सफेद मूसली के फायदे और नुकसान से भली भाती परीचित हो चुके हैं। आपकी जरूरत और रोगों के हिसाब से इसका सेवन शुरू कर  सकते है और स्वस्थ रहे अगर इसके सेवन के दौरान किसी भी तरह की समस्या होती है तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें ।