अदरक खाने के फायदे Benefits of eating ginger

अदरक:-(Benefits of eating ginger ) अदरक खाने के फायदे अदरक गीली  गाठि हैं। जो जमीनकंद की तरह जमीन में   गड़ी रहकर  बढ़ती रहती है इसमें से जितनी आवश्यकता है काटकर शेष भाग को फिर जमीन में गढ़ और भविष्य के लिए पढ़ते रहने दिया जाता है। यही अदरक जब सुख लिया जाता है तब  सोठ बन जाती है।  बोने के लिए इसके टुकड़े काट काट कर ही गाडा दिया जाते हैं। इसके  बीज नहीं होता हैं। अदरक का वैज्ञानिक नाम जिंजीबरेसी कहलाता है। आप और हम सभी अदरक से परिचित हैं।

आए दिन हमारे घर में अदरक का उपयोग किया जाता हैं। अधिकतम मसाले में किचन वगैरा में रसोई घर में अदरक का उपयोग किया जाता हैं। सुबह की शुरुआत अदरक की चाय के साथ होती हैं। सभी जगह अदरक का उपयोग  बड़ी  आसानी से किया जाता हैं। इसके फायदे से सभी लोग अपरिचित हैं। तो आज हम बात करेंगे अदरक के गुण फायदे लाभ आदि।

अदरक के फायदे और उपयोग :- 

1) अदरक पंचक है। पेट में कब्ज , गैस बनना,वामन ,खासी ,कब, जुखाम ,आदि में काम में लाया जाता हैं। नमक मिला चटनी बनाकर चाटते रहने बारीक ना  पीस सके तो टुकड़े को मुंह में डालकर चूसते रहने से लाभ मिलता हैं। बच्चों के लिए रस के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।

 

2) अदरक का रस और शहद मिलाकर चाटते रहने से दमा स्वास खांसी से लेकर छाये रोग तक से सुधार होता हैं। हिचकी जमुहाई का अनुपात बढ़ जाए तो भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।दाढ़ के दर्द में भी इसका सेवन उपयोगी हैं।

अदरक और सोठ के गुण एक जैसे होते हैं, पर जब  चूर्ण में उसका प्रयोग करना हो तो सोठ लेना ही उपयुक्त है इसमें अदरक की तरह बार-बार पीसने का झंझट नहीं रहता।

3) अदरक भोजन के कुछ पूर्व लेने से अग्नि प्रदीप करती है, भूख बढ़ती है। इसमें दोनों गुण है , आंतो की प्रवाही स्थिति में ग्राही भी है एवं कब्जियत को भेदने का गुण भी इसमें है। यह आयुर्वेद के सुप्रसिद्ध योग त्रिकुटा (सोठ, काली मिर्च, पिप्पली का एक प्रधान अंग हैं।

4) अदरक का ताजा रस मूत्र निस्तारक  (ड्यूरेटिक )औषधि गया हैं। मूत्र संबंधित विकारों को दूर करती है।

5) विषम  ज्वरा में को दुग्ध के साथ डेढ़ माहसे की मात्रा में हृदय रोग में कुन कुनी क्वाथ  के रूप में हिचकी में आमला व पीपली का चूर्ण शहद के साथ  पक्षाघात में सेंधा नमक के साथ महीन पीसकर सूंघने के रूप में   अर्जिन मे धनिए के साथ क्वाथा बनाकर संग्राहिनी में बच्चे बेल का गुड़ा अदरक एवं गुड़ मिलाकर   मठ्ठा के साथ पीने से तथा  सोठ और गोखरू का   क्वाथा प्रात: पीने से  पीट वह कमर के दर्द में आराम पहुंचता है।

6) आपको बता दे अदरक में कई प्रकार के कैंसर को रोकने की क्षमता होती हैं। अदरक में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट पेट में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते हैं जो कालोरक्टल कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि अदरक में अपॉप्टोसिस भी होता हैं।  जो ट्यूमर और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है जिंजरोल त्वचा कैंसर को भी काम करने में मदद करता हैं।

7)

अदरक का उपयोग प्राचीन समय से यौन गतिविधि और शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जा रहा हैं।  इससे  आने वाली खुशबू आपकी यौन इच्छा और क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। अदरक आपके शरीर में रक्त प्रभाव को भी बढ़ता हैं। आपके शरीर की मध्य में रक्त अधिक आसानी से फैलता है जो कि यौन प्रदर्शन के लिए विशेष आवश्यक होता हैं।

 

अब जानते हैं अदरक के  नुकसान :-

अधिक सेवन करने के कारण अदरक के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं, जो कि कुछ इस प्रकार है।

* अदरक में ब्लड शुगर कम करने का गुण होता है इसलिए डायबिटीज की दवा लेने वालों में इसका अधिक सेवन अदरक के नुकसान के तौर पर लो ब्लड शुगर का कारण बन सकता हैं।

* यह ब्लड प्रेशर को कम करने का काम कर सकता है इसलिए ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवा लेने वाले लोगों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।

* विशेषज्ञों में के मुताबिक अदरक खून को पतला करने का भी काम कर सकता हैं। इस कारण कुछ महिलाओं को अधिक सेवन  से मासिक धर्म में अधिक रक्त  स्रोतव सकती हैं।

इसलिए को पढ़ने के बाद अब तो आप अदरक के फायदे और नुकसान अच्छे से समझ गए होंगे। साथ ही आपको अदरक के औषधीय गुण भी पता चल गए होंगे । फिर सोचना समझना क्या लीग में सो जाए गए तरीकों को अपनाना आप इसे आसानी से अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं वहीं इसके सेवन के बाद अगर कोई कुछ प्रभाव सामने आता हैं। तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी हद तक उपयोग साबित होगा इसलिए को आपके दोस्तों रिश्तेदारों को सजा करें ।

 

 

 

What are the benefits of turmeric? हल्दी के क्या-क्या फायदे होते हैं

हल्दी के क्या-क्या फायदे होते हैं आईए जानते हैं ;-हल्दी इसका आकार भी अदरक जैसा होता है पौधों की एक-एक फीट की चोड़ी पत्तियां होती है। पीले रंग के फूल वर्ष के दिनों में बड़े सुनाने लगते हैं। हल्दी के चरण का उबटन किया जाता है। दाल साफ कोपिला रंग देने के लिए हल्दी डालना शोभा भी बढ़ती है सुगंध भी देती है और गुणकारी भी होती है।

हल्दी के फायदे और उसका उपयोग:- 

1) खास ,खुजली, फुंसी आदि में इसका सेवन उपयोगी रहता है।

2) गहरी चोट  लग जाने पर इसका चूर्ण दूध में उपयोग करके मरीज को पिलाया जाता है जिससे मरीज को काफी राहत मिलती है।

3) अलसी तेल नमक और हल्दी की पुटली बनाकर सूजन ‘और दर्द एवं चोट वाले स्थानों की सिकाई की जाती है।

4) हल्दी रक्त शोधक भी है हल्दी को दूध के साथ मिक्स करके गर्म करके भी पिया जा सकता है जिससे रक्त की सफाई होती है ।

5) शरीर पर फुंसियां पित्त उछलनेऔर चट्टे दाद खाज मे शहद के साथ हल्दी को मिलाकर चटाते राहत मिलती है।

6) पेट में कृमि पड़ने पर हल्दी का क्वाथा बनाकर पिलाया जाता है।

7) हल्दी को देसी गुड़ में मिलाकर उसकी गोलिया बनाई जाए और रोगियों को खिलाया जाए कब को दूर किया जा सकता है। गोली को चबा चबा कर खाइये आधे घंटे तक पानी नहीं पीना है

8) खांसी आने पर हल्दी के टुकड़े मुंह में पड़े रहने दीजिए और इन्हें धीरे-धीरे चूसते रहिए तो लाभ होता है।

9) जुखाम , सर्दी, सर दर्द, में गर्म दूध के साथ हल्दी  का उपयोग करने से बहुत लाभ होता हैं।

10) चेहरे पर दाग धब्बे कील मुंहासे हो गए हो तो बेसन के साथ हल्दी को मिलाकर लेप लगाने से सारे दूर हो जाते हैं।

आईए जानते की हल्दी के क्या-क्या लाभ होते हैं। और इसका उपयोग कैसे करें इसको परिपूर्ण तरीके से आपको समझाया जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार हल्दी  उष्ण सौंदर्य बढ़ाने वाली रक्त शोधक  कप पित नाशक पित्त शामक एवं लीवर के लिए उत्तेजक मानी गई है। सर्दी लगने पर हल्दी की धूनी दी जाती है। सर दर्द व साइनसाइटिस मैं हल्दी गुनगुने जल के साथ लेने से बॉलखम निकलता वा सर हल्का होता है। मूत्र रोग में इसका  काडा बहुत आराम देता है। आंखों के दुखने पर एक तोला हल्दी एक पाव पानी में  ओटा  कर कपड़े से छानकर आंखों में टपकते हैं,तो लाली जल्दी मिटती है। प्रेमेह  में हल्दी के चूरन को आवला के रस के साथ देते हैं इसका प्रयोग मात्र किसी भी रोगों में दो मन से से अधिक नहीं होना चाहिए अनुपान प्रिंस: गुनगुना जल ,दूध मधु होता हैं।

 

प्रकृति के द्वारा इतना अनमोल खजाना जो हमें मिला है इसका उपयोग हम सहभाविक तरीके से करते हैं अनेक प्रकार से हम लोग हल्दी का उपयोग कर सकते हैं एक प्रकार से देखा जाए तो हल्दी एक हमारे लिए रत्न है जो कि हमारे शरीर को शुद्ध करने में इसका बहुत महत्वपूर्ण प्रयोग है।

हल्दी के बारे में कुछ ध्यान देने योग्य बातें

बाजार में कई प्रकार की हल्दी मिलती है जिसमें कुछ हल्दी एक होती है जिसमें ऊपर से कलर लगा दिया जाता है जो हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक है ऐसी केमिकल वाली हल्दी से पहले ही दूर रहे प्राकृतिक द्वारा जो हल्दी हमें मिली है उसी का उपयोग करें खेतों में हल्दी उगाए या खेतों की ताजी हल्दी का ही उपयोग करें घर पर लाकर सुखाय और उसे पीसकर पाउडर बनाकर रखें ताकि हमारे शरीर को किसी प्रकार की हनी ना हो

काली हल्दी  सामान्य हिंदी के पत्तों की तरह इसके पत्ते होते हैं इन पत्तों के मध्य में काली धारियाँ होने से काली हल्दी का पौधा पहचाना जा सकता है। यह एक वर्षीय पौधा जिसका कंद सुगंधित दुश्रित वर्ण का एक चक्राकार कड़ो से युक्त होता हैं। यह कंद अदरक से धूसर  नील वर्ण का अत्यंत कादा एवं   श्रंग के समान होता है इसकी सुगंध कपूर के समान होती हैं। काली हल्दी का यह पौधा अमरकंटक एवं पटल लोक कोर्ट में पाया जाता हैं। इसका अधिक दोहन होने के कारण यह प्राकृतिक रूप से नष्ट होती  जा रहा है इसका उपयोग सामान्य कैसे करते हैं अभी हम आपको बताएंगे।

काली हल्दी के औषधीय गुण:-

सौंदर्य प्रसारण में इसका उपयोग त्वचा को निखारने में किया जाता है। एवं काली हल्दी के पेस्ट से शरीर की बदबू और पसीने को दूर किया जाता है चेहरे पर लगाने से कील मुंहासे डाक आदि समस्याओं को दूर किया जाता है। आदिवासी लोगों के द्वारा इसका उपयोग जड़ी बूटी के रूप में  रोगों को निवारण के लिए किया जाता हैं। चोट, मोच ,अंदरूनी चोट ,तथा दमा के उपाय के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। लोगों का यह भी मानना है कि इसका कंद जिसके भी पास होता है उसे कभी धन की कमी महसूस नहीं होती है। इसे कपूर का स्रोत माना गया है प्राकृतिक के अनुसार इसकी सुगंध बहुत अच्छी होती है।

ध्यान दे

अधिक जानकारी के लिए किसी चिकित्सक या परामर्श की सलाह ले